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26 Oct 2015

Rahat Indori Ki Khubsoorat Shayariya - Part 1

Posted By Ahmad Vaqas Khan (Admin) | Category : Shayari / Kavita / Poetry | Views : 2770
Rahat Indori Ki Khubsoorat Shayariya - Part 1

आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो

जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो

राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें

रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो

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जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए

काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए

दूर हम कितने दिन से हैं, ये कभी गौर किया

फिर न कहना जो अमानत में खयानत हो जाए

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सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें  

जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें

शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम 

आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें

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गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम  à¤•à¥à¤¯à¤¾ क्या हैं 

में आ गया हु बता इंतज़ाम क्या क्या हैं

फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं 

तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या हैं 

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कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते  à¤¹à¥ˆà¤‚ 

कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं

ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी 

की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं 

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